तेरे दुआओं का मुझे, कोई एहतियाज नहीं। मैं खुश हूं खुद के ख़यालो से, दुःखी होता मैं भी, पर आज नहीं । मैं तो पन्ना हूं खुली किताब का, पढ़े सके हर कोई मेरा, कोई राज नहीं। तेरे दुआओं का मुझे, कोई एहतियाज नहीं। इख्लास ज़िन्दगी का एक हिस्सा है, हो जाता है किसी से भी, ये कोई इत्तिफाक नहीं। तेरे दुआओं का मुझे, कोई एहतियाज नहीं। मैं खुश हूं खुद के ख़यालो से, दुःखी होता मैं भी, पर आज नहीं । #दुआओंकाअसर #दुआ_एक_दौलत #प्रेम_पर_चिंतन