बेखबर होते अगर इस दर्द से तो तसल्ली हो जाती दलदल में डूबता देखकर भी चुप हो तकलीफ इस बात की है कहना तो बहुत कुछ है तुमसे एक शायरी से नहीं बहुत डायरी से पर उसके बाद सब ठीक होगा ना तसल्ली इस बात की है अब ना कुछ कहेगें हम बस चुप रहेंगे हम देखना ये है कि तुम्हारे प्यार, उस खुदा, उस कुदरत वो करिश्मा ये ताकत किस बात की है तुम जो जिंदगी दे रहे हो अपने से दूर करके किसी और के हवाले करके रोता छोड़के तुम वापस आओ सारी मजबूरी हरा के हमारे प्यार को जीता के ये जिंदगी अब भी मोहताज इस बात की है ©Apeksha Gupta #mankibat#ye#zindgi#mohtaaj#is#bat#ki#hai..