की हो सकता है लगू, मै तुमको कोई पहेली सी की हो सकता है लगू, मै खुली किताब सी की देखोगे जैसे हो सकता है लगू, मै उसी किरदार सी की हो सकता है ,लगने को लग जाऊ, हर किरदार सी मगर लगने से क्या है जो मै हूँ वो तो सामने हूँ, ख्वाबो की कोई परी नही न इंद्र की अप्सरा हूँ ;हूँ जो भी हूँ बड़ी कमाल की की लगने को कुछ भी लग जाऊ मगर होने को हूँ मैं उस आईना सी की दिखोगे जैसे तुम वैसे ही दिख जाऊँगी मैं भी/// ©Shira #tumhraaiyanahumai#shiranojoto#nojotohindi