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कोई अर्थ नहीं मेरे बहुत करीब है ये कविता इसलिए आप

कोई अर्थ नहीं
मेरे बहुत करीब है ये कविता इसलिए आप सबके बीच साझा कर रहा हूँ,
जो लोग इस कविता को नहीं पढ़े आपने जीवन काल में ओ अवश्य पढ़े !

!!राष्ट्रकवि श्री रामधारी सिंह दिनकर जी द्वारा रचित!!

नित जीवन के संघर्षों से जब टूट चुका हो अन्तर्मन ,

तब सुख के मिले समन्दर का रह जाता कोई अर्थ नहीं ।

जब फसल सूख कर जल के बिन तिनका-तिनका बन गिर जाये ,
फिर होने वाली वर्षा का रह जाता कोई अर्थ नहीं ।

सम्बन्ध कोई भी हों लेकिन यदि दुःख में साथ न दें अपना ,
फिर सुख में उन सम्बन्धों का रह जाता कोई अर्थ नहीं ।

छोटी-छोटी खुशियों के क्षण निकले जाते हैं रोज जहाँ ,
फिर सुख की नित्य प्रतीक्षा का रह जाता कोई अर्थ नहीं ।

मन कटुवाणी से आहत हो भीतर तक छलनी हो जाये ,
फिर बाद कहे प्रिय वचनों का रह जाता कोई अर्थ नहीं ।

सुख-साधन चाहे जितने हों पर काया रोगों का घर हो ,
फिर उन अगनित सुविधाओं का रह जाता कोई अर्थ नहीं ।

नित जीवन के संघर्षों से जब टूट चुका हो अन्तर्मन ,
तब सुख के मिले समन्दर का रह जाता कोई अर्थ नहीं।।

 सादर अभिवादन 🙏

©Abhijaunpur
  #रामधारी_सिंह_दिनकर #राष्टकवि_दिनकर #कोई_अर्थ_नहीं  Anshu writer Sethi Ji pooja mourya Nîkîtã Guptā Pushpa Rai...  Internet Jockey Uma Singh Madhusudan Shrivastava Suhana parvin. please Humko support aur gift Kijiye - repost kijiye-Boss Nitoo Yadav