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ना जाने क्यू मै सपने संजो रही थी मोहब्बत के धागों

ना जाने क्यू मै सपने संजो रही थी
मोहब्बत के धागों में तेरा इश्क़ पिरो रही थी
पर धागा शायद कच्चा ही था जो माला यू टूट के बिखर रही थी 
मैंने फिर से नया धागा लगा के तेरी यादों को तेरी मोहब्बत को पिरोना चाहा पर
इस बार कमबख्त सुई हाथो में चुभ रही थी शायद वो भी मुझसे कहना चाहती थी कि इक बार जो माला टूट जाती है 
वो वापस उतनी सुंदर नहीं बन पाती है। #love#mala#❤️
ना जाने क्यू मै सपने संजो रही थी
मोहब्बत के धागों में तेरा इश्क़ पिरो रही थी
पर धागा शायद कच्चा ही था जो माला यू टूट के बिखर रही थी 
मैंने फिर से नया धागा लगा के तेरी यादों को तेरी मोहब्बत को पिरोना चाहा पर
इस बार कमबख्त सुई हाथो में चुभ रही थी शायद वो भी मुझसे कहना चाहती थी कि इक बार जो माला टूट जाती है 
वो वापस उतनी सुंदर नहीं बन पाती है। #love#mala#❤️
smitaishu8349

smita@ishu

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