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किसी भीड़ से अलग, किसी भीड़ में, खुद को ढूंढ रही,

किसी भीड़ से अलग, किसी भीड़ में,
खुद को ढूंढ रही,
 मन की इस भीड़ में, आज में जी भर के रोई 
किसी भीड़ से अलग, किसी भीड़ मे,
खुद का वजूद को ढूंढ रही,
किसी भीड़ से अलग, किसी भीड़ में।।।

©Dia #relaxation Sapna shankhwar Praveen Storyteller Niaz (Harf) Mridula Upadhyay ARTIST VIP. MISHRA
किसी भीड़ से अलग, किसी भीड़ में,
खुद को ढूंढ रही,
 मन की इस भीड़ में, आज में जी भर के रोई 
किसी भीड़ से अलग, किसी भीड़ मे,
खुद का वजूद को ढूंढ रही,
किसी भीड़ से अलग, किसी भीड़ में।।।

©Dia #relaxation Sapna shankhwar Praveen Storyteller Niaz (Harf) Mridula Upadhyay ARTIST VIP. MISHRA