क्या तारीफ करूं तेरे हुस्न की, तू लाजवाब है, में जैसे खाली पैमाना, तू उसे छलकाती शराब है! ~मनोज खांडे क्या तारीफ करूं तेरे हुस्न की, तू लाजवाब है, में जैसे खाली पैमाना, तू उसे छलकाती शराब है! ~मनोज खांडे