कई पल्लू भी समेटे हैं मैंने , मुझे दुप्पटे की अदा न दिखाओ। जुगनुओं संभल के औकात में रहो, मैं सूरज हूँ मुझे दिया ना दिखाओ। --निखिल की कलम से। #नई_शायरी