तेरे बिना मन उदास, ये दिल बेचैन था मेरा, तु छोड़ गया था मुझे जब से,, कैसे कहूँ, कैसे समझाऊँ यारा, मुझे तेरा ही तो इंतजार था, ना जाने कब से,, कोई और मौसम मुझे रास ना आता, दूर ही रहता था मैं सब से,, ये धूप, ये गर्मी, ये साँसों की जलन, अब कुछ भी सहा नही जाता था हम से,, मैं हैरान हूँ, यूँ ऐसे कैसे-कैसे अचानक, तु मुझसे सरेआम आकर यूँ लिपट गया,, चाहत तो मुझे भी थी तुझसे मिलने की, सारे शिकवे-गिले भूलाकर तुझमें मैं यूँ सिमट गया,, ना अब कोई जाड़े का कहर, ना गर्मी का कोई डर होगा,, जो तु साथ है मेरे, सुकून-सा मन, ये दिल भी मेरा अब निडर होगा,, ©Lakhan Yadav #Love #loverain #raining #ishq #barish