क्यूँ उनसे हम फ़रमाइशें करते थे। जो हमारी ही आजमाइशें करते थे। रिश्तों को संभालना आता नहीं। गैरों के सामने नुमाइशें करते थे। खुद की गलतियों पे पर्दा डालना। और दूसरों की पैमाइशें करते थे। 📌नीचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें..🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को रचना का सार..📖 की प्रतियोगिता :- 190 में स्वागत करता है..🙏🙏 💫आप सभी 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा।