एक रोज़ उम्मीद है वो फरियाद करेगी हाँ मै जानता हूँ वो फिर याद करेगी उसकी खवाहिशे बड़ी अजीब सी हैं सारी ज़िन्दगी खुद पर तज़ाद करेगी मैं उसे न उम्मीद नहीं होने दूंगा भले ही वो मुझे फिर बर्बाद करेगी कुछ अलग ही अंदाज़ है उसकी तबियत का पहले शिकायत और फिर फ़साद करेगी कुछ मासूम है और खुदी से अनजान उसके सिवा कहाँ कोई हमें शाद करेगी नहीं कोई उसके जैसा दीवानी है सारिम अन्न बन रहेगी पर ज़िन्दगी वही आबाद करेगी ©Mohammad sarim #mohabbat #Wafa #qurbat #Love #ummid #Poetry #ghazal