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खामोशी से बिछड़ना आ गया है, हमें खुद से उजड़ना आ

खामोशी से बिछड़ना आ गया है,
 हमें खुद से उजड़ना आ गया है। 

किसी को बुरा कहते नहीं  हम,
 हमें भी पलटना अब आ गया है।
 
याद में किसी की क्यों रोए हम,
 हमें भ्रमर सा जलना आ गया है।
 
मखमल पे खाई जो ठोकर हमने,
हमें कांटों पर चलना आ गया है।

©NanduVistar खामोशी से बिछड़ना आ गया है,
 हमें खुद से उजड़ना आ गया है। 

किसी को बुरा कहते नहीं  हम,
 हमें भी पलटना अब आ गया है।
 
याद में किसी की क्यों रोए हम,
 हमें भ्रमर सा जलना आ गया है।
खामोशी से बिछड़ना आ गया है,
 हमें खुद से उजड़ना आ गया है। 

किसी को बुरा कहते नहीं  हम,
 हमें भी पलटना अब आ गया है।
 
याद में किसी की क्यों रोए हम,
 हमें भ्रमर सा जलना आ गया है।
 
मखमल पे खाई जो ठोकर हमने,
हमें कांटों पर चलना आ गया है।

©NanduVistar खामोशी से बिछड़ना आ गया है,
 हमें खुद से उजड़ना आ गया है। 

किसी को बुरा कहते नहीं  हम,
 हमें भी पलटना अब आ गया है।
 
याद में किसी की क्यों रोए हम,
 हमें भ्रमर सा जलना आ गया है।
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