आज भी मेरे अल्फाज यूं हैं कि कोई समझता नहीं बहुत ऊंचा पहुंच रहा है मेरे हसरतों का सिलसिला ह्रदय के कपाटों को मैंने आवाज लगाई ऐ सुन ! संभल कर चल विखर न जाए ख्वाबों का समंदर कोई हकींकत की जमीं पर वेवजह फटकता नहीं ©शिल्पा यादव ,#Reaching Top #ReachingTop बदनाम शायर रश्मि सचिन पाठक Kavi Shyam Pratap Singh अंकित कुमार ✍️