Nojoto: Largest Storytelling Platform

वह संस्कारो की वाहिनी संयम की स्वरागिनी धैर्य की अ

वह संस्कारो की वाहिनी
संयम की स्वरागिनी
धैर्य की अतुल्य निधि हैं
नम्रता की विधि हैं
प्रतिरुप हैं वह वसुधा की
गंगा जल के मृदूता की
वह गृहलक्ष्मी हैं, गृहशोभा हैं
वह स्नेह हैं, ममता हैं
मानव की अस्मिता है़
वह संस्कृति हैं,वह सभ्यता है़ 
वह राधा हैं, वह सीता हैं
वह वनिता है़ं, वह वनिता हैं

©️ संतोष















.

©संतोष #Feminism
वह संस्कारो की वाहिनी
संयम की स्वरागिनी
धैर्य की अतुल्य निधि हैं
नम्रता की विधि हैं
प्रतिरुप हैं वह वसुधा की
गंगा जल के मृदूता की
वह गृहलक्ष्मी हैं, गृहशोभा हैं
वह स्नेह हैं, ममता हैं
मानव की अस्मिता है़
वह संस्कृति हैं,वह सभ्यता है़ 
वह राधा हैं, वह सीता हैं
वह वनिता है़ं, वह वनिता हैं

©️ संतोष















.

©संतोष #Feminism