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मुझें लिखनें बैठोगें तो देर हो जायेंगी!

मुझें लिखनें बैठोगें तो देर हो जायेंगी!                                                                                  बिखर के जिन्दंगी मेरी तेरें दिल जैसे घर के अन्दंर ढे़र हो जायेंगी।                                                                     भरी बरसात में  बूँद जैसे बनकर आँसुओं कि तरह बह जायेंगी।                                                                              ढु़ढ लेना उन लम्हों को कहिं गुमनाम रास्तों पर जहाँ हम मिलें थें।                                                                        जहाँ गिले हि गिलें थे                                                                                                   मिले हि तो थें कहाँ?? ईतने गिलें थें।  हाँ वो तेरे साथ बिते मुलाकातो के हँसीन सिलसिले थें।                           कहाँ ये गिलें थे। जहाँ हम मिले थे।                                                                               तुम्हारें ईश्क में फना हो जायेंगे। ऐसे फूल थे                                                                          " हम" जो कुछ हसीन वक्त के लिए खिलें थें।                                                               खिलकर उन फूलों का यूँ मुरझा जाना।।                                                                            मुझें कहाँ मजूँर था।                                                                                                        ये दिल जो तेरे ईश्क में तश्शवूर था।                                                                                    हाँ ये मजबूर था। तुमसे कह ना सका। महोब्बत है तुमसे। तब से ही हम है कहि गुम से,                                                          हाँ महोब्बत है तुमसे.............                                                " नीतू शर्मा✍ मुझें लिखनें बैठोगें तो दे हो जायेगी।.....❤❤❤......तूम्हारे दिल जैसे घर में ढेर हो जायेगी.....❤❤❤.                               .#TeriMeriKahaani #nojotoapp#nojotohindi#nojotolove#nojotopoetry#shabdanchal#nojoto.com#amarujalakavya# Satyaprem Mukesh Poonia Internet Jockey नयनसी परमार
मुझें लिखनें बैठोगें तो देर हो जायेंगी!                                                                                  बिखर के जिन्दंगी मेरी तेरें दिल जैसे घर के अन्दंर ढे़र हो जायेंगी।                                                                     भरी बरसात में  बूँद जैसे बनकर आँसुओं कि तरह बह जायेंगी।                                                                              ढु़ढ लेना उन लम्हों को कहिं गुमनाम रास्तों पर जहाँ हम मिलें थें।                                                                        जहाँ गिले हि गिलें थे                                                                                                   मिले हि तो थें कहाँ?? ईतने गिलें थें।  हाँ वो तेरे साथ बिते मुलाकातो के हँसीन सिलसिले थें।                           कहाँ ये गिलें थे। जहाँ हम मिले थे।                                                                               तुम्हारें ईश्क में फना हो जायेंगे। ऐसे फूल थे                                                                          " हम" जो कुछ हसीन वक्त के लिए खिलें थें।                                                               खिलकर उन फूलों का यूँ मुरझा जाना।।                                                                            मुझें कहाँ मजूँर था।                                                                                                        ये दिल जो तेरे ईश्क में तश्शवूर था।                                                                                    हाँ ये मजबूर था। तुमसे कह ना सका। महोब्बत है तुमसे। तब से ही हम है कहि गुम से,                                                          हाँ महोब्बत है तुमसे.............                                                " नीतू शर्मा✍ मुझें लिखनें बैठोगें तो दे हो जायेगी।.....❤❤❤......तूम्हारे दिल जैसे घर में ढेर हो जायेगी.....❤❤❤.                               .#TeriMeriKahaani #nojotoapp#nojotohindi#nojotolove#nojotopoetry#shabdanchal#nojoto.com#amarujalakavya# Satyaprem Mukesh Poonia Internet Jockey नयनसी परमार