ये मन आखिर कहीं लगता क्यों नहीं, मन की बेचैनियां कभी खत्म होती क्यों नहीं, दिन भर तो व्यस्त रहता है ये मन कुछ ना कुछ सोचने में, फिर भी आखिर ये कभी थकता क्यों नहीं, इंसान तो आखिर थक कर खामोश भी हो जाता है, पर ये मन कहीं रुक कर खामोश होता क्यों नहीं, न जाने क्यों भागता रहता है किसी बेचैनी में, हरदम पता नहीं किस उलझनों में, किन विचार में ये निरंतर चलता रहता है, पता नहीं ये बावरा मन क्या सोचता रहता है, कितने शिकवे शिकायतें बस खामोशी से ही करता रहता है, सब को समझने और सब को समझाने के इरादे बनाता है, अब इस बेचैन मन को समझाएं तो समझाएं कैसे, ये बैचेन मन कुछ समझता क्यों नहीं?!! आखिर ये बेचैन मन कहीं रुकता क्यों नहीं!! #Life #बेचैनमन #बावरा मन#nojoto #Nojotothought #Nojotohindi #nojotoapp