तमन्ना छोड़ देते हैं... इरादा छोड़ देते हैं, चलो एक दूसरे को फिर से आधा छोड़ देते हैं। उधर आँखों में मंज़र आज भी वैसे का वैसा है, इधर हम भी निगाहों को तरसता छोड़ देते हैं। हमीं ने अपनी आँखों से समन्दर तक निचोड़े हैं, हमीं अब आजकल दरिया को प्यासा छोड़ देते हैं। हमारा क़त्ल होता है, मोहब्बत की कहानी में, या यूँ कह लो कि हम क़ातिल को ज़िंदा छोड़ देते हैं। हमीं शायर हैं, हम ही तो ग़ज़ल के शाहजादे हैं, तआरुफ़ इतना देकर बाक़ी मिसरा छोड़ देते हैं। ©Aazad Prince #Light #Love #SAD #Pyar #Hindi #gazal #Shayari #Dosti