एक निशानी छोड़ जा रहीं हूं तुम्हारे हाँथों पे जिन लकीरों में मैं नहीं थी, वो यादें छोड़ के, जब जब देखोगे रेखाएं अपनी, मुझे पाओगे, पूरे ना हो सके सपनें अपने, अधूरे रह गए इस ज़माने में!! 🌝प्रतियोगिता-30 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌷"एक निशानी"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I