तुम महको न फ़ुलवारी सी, प्रिय प्रेमपुष्प की क्यारी सी मीठी हो कितनी प्यारी सी, कुछ अपनी और हमारी सी वृन्दा विद् विरह विचारी सी, सागर बस सरिता खारी सी रातों भर किसी ख़ुमारी सी, दिन में शीतल उजियारी सी #प्रेमपुष्प #विचार #क्यारी #प्यारी #हमारी #खारी #खुमारी #उजियारी