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मुहब्बत जितना उसे चाहा वह उतना ही मुझसे दूर होत

मुहब्बत

 जितना उसे चाहा
 वह उतना ही मुझसे दूर होती गई
मैं सदा के लिए
उसका हाथ थामना चाहा था
वह हाथ छुड़ा कर
सदा के लिए मुझसे दूर चली गई
यादों में बसी है अब
उसे धड़कन में छिपा रखा हूँ
मरने नहीं दूँगा
उसकी यादों को साँसों में बसा लूँगा

©DR. LAVKESH GANDHI
  #Love #
# मेरी मोहब्बत मुझसे दूर चली गई #

Love # # मेरी मोहब्बत मुझसे दूर चली गई #

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