नुमाइशे जिस्म की ना करना ऐ इश्क़ बेरूख़ी मैं सादगी का काय़ल हूँ पूरी लिवास में आना तब बेशक तड़पा करते फिरेंगे 'रूहें' जुस्तजू बना ही लिबास क्यों यदि 'नग्न'तुझे था आना 'मुझे इल्म' रत्ती सी नहीं बच्चे हैं क्यों सुनूँ ताना मगरूर बेगैरत मंजूर नहीं नज़रों से 'गोस' खाना कद्र कर ढ़ककर बदन बा अदब पर्दो में आना जिस्म में तो हैवानियत हैं इनसे 'क्या टकराना' हर तरफ शोर है तो क्या हुआ सफ़र जारी तो है जवानी का जोश' है तो क्या हुआ नादानी तो है बिना पहचान कि जिस्म एक अंजानी कर्बला है देखो पर्दानशीं में हमारी तुम्हारी सबकी भला है ©Anushi Ka Pitara #बेपर्द #कर्बला #Love