वेबजह ही तुम रोते हो, व्यथा को भी खोते हो नहीं कोई मिलता है अपना इस जग में, इस बात से निश्चिन्त हो बस तुम एक भ्रम ही निशदिन सोते हो॥ वेबजह ही तुम मानव हो रोते हो... ©Himanshu Tomar #हिमांश #अद्वैत #रोना #निशदिन #निश्चिंत #सोना #मानव_शरीर