बदले बदले से तेवर, क्यूँ तुम्हारे आजकल हैं। खफ़ा हो मुझसे या कुछ नाराजगी के पल हैं। रूठे रहते हो मुझसे, तो दिल नहीं लगता मेरा। जाने क्यूँ तुम्हारी मुस्कुराहट ही मेरा हर पल है। ये अंदाज़-ए-नाराजगी, तुमने कहाँ से सीखा है। जो चैन-ओ-सुकूँ का दुश्मन, मुसीबत का पल है। मुस्कुराहट तुम्हारे चेहरे की रौनक बढ़ा देती है। मेरी सारी समस्याओं का बस यही एक हल है। तुम्हारे खफ़ा होने से ये दिल उदास रहता है। ये समस्या सुलझती नहीं, काफी जटिल है। फिर कभी न मुझसे नाराज होना ऐ दिलबर। नाराजगी में बहुत खोया और क्या हासिल है। ज़रा मेरे बारे में भी तो सोचो ऐ मेरे दिलबर। मेरा वजूद है तुमसे और ये तुम्हारा साहिल है। ♥️ Challenge-524 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।