★★ अभी मरा नही ★★ ================ तेरा मन भर गया है शायद, मेरा मन अभी भरा नही। मरने छोड़ गयी तू जिसे अकेला ,वो अभी मरा नही। और कभी हर खता याद रखती थी हमारी। हमारे बिछड़ने में , क्या- तेरी खता नही ? कहती थीं-तुम्हारे घर को, ससुराल बनाना चाहती हूं। हाँ-तुमने घर बसा लिया पर , मेरा तो घर बसा नही। और इक अरसा गुजर गया , चाँद को देखे हुए। हम तो चले आते दरहसल,तुम्हारे घर का पता नही। वैसे फुर्सत नही होती फिर भी ,जज्बात हमारे पढ़ लेतीं थी। जवाब नही हमारे खतों का , या खत ही- पढ़ा नही। गर लड़ना पड़े तो , साथ रहकर लड़ेंगे जमाने से। जिस वफ़ा की दुहाई देतीं थीं, ये-वो वफ़ा तो नही। " विकास शर्मा " #nojotoअभी_मर_नही.......! #nojotoग़ज़ल #nojotopoetry #नोजोतोशायरी #nojotoशेर#nojotoविकासशर्मा#नोजोटोgwalior.....!