एक Title line से दो अलग-अलग भाव की पक्तियां देखिये... 1 तेरे दिये जख्मों के घाव अब भर रहे है, धीरे धीरे थोड़ा हम भी अब संवर रहे है, एक समय था बिना तेरे पल भर नही जीता था में, और आज देख मिनिट किया दिन भी गुज़र रहे है। 2 तेरे बिना अधूरे से अब हम लग रहे है, खुदमे ही गुम अकेलेपन में उलझ रहे हे, लेकिन चलती का नाम जिंदगी है वो रुकती कहाँ, ये मान ले! तेरे बिना अपने बस दिन गुज़र रहे है। must read it until end, One line with two different feelings.... plz tell me how is it..? दिन गुज़र रहे हैं, कैसे? #दिन #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #guruwanshu Collaborating with YourQuote Didi