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वो तो खूबसूरती की मुकम्मल किताब है, सर से पाँव तलक

वो तो खूबसूरती की मुकम्मल किताब है,
सर से पाँव तलक लाजवाब है।

मोहताज है नींदें उसकी निगाहों की,
मुलाजिम बन गया उसका हर ख्वाब है।

 कमाल की है नाराज़गी उसकी,
हर अदा भी नायाब है।

ज़िद्दी इतनी कि क्या कहें,
 ज़िद भी उसके आगे झुकने को बेताब है।

यक़ीनन वो परी की एक ऐसी दास्तां है,
जिसमें खूबसूरती बेहिसाब है।

©Aarzoo smriti
  #wo khoobsurati ki mukammal kitaab hai

#Wo khoobsurati ki mukammal kitaab hai

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