विचारों का रथ, उड़ाता चल रहा है शब्दों की धूल। इन्हीं शब्दों को, पिरोना है कहानियों, की माला में। उस माला को, पहना कर आपको, लिखनी है फिर एक नई किताब। Thinking is continuous process. we can't avoid it...!!!