शुक्रिया हैं तेरा मेरी ज़िन्दगी में आने के लिए आौर मुझे तोड़कर चले जाने के लिए। अगर तू भरोसा ना तोड़ती मेरा तो मैं कलम नहीं उठा सकती थी। तेरी वजह से ही जज़्बात जागे हैं वरना ' मनप्रीत ' शायर नहीं कहला सकती थी। -Manpreet Kaur- reason of writings...thnku