Truth सफेद रंग शान्ति का प्रतिक । अपने अन्दर सभी रंगो को समाहित करने का रंग। इन्सान , भले ही मन का काला क्यूं नही हो परंतु तन तो चहता है सफेद ही। ये जो , सफेदपोश होते हैं, उनके ही हाथ काले कारनामओं से रंगे होते हैं । मानो तो काले काम की लिबास है सफेद रंग। बदनाम ना हो जाए इसकी चिंता सताती है। मगर दुसरे की बदनामी समझ नही आती । मतलबपरस्ती की दुनियाँ में , उलझनें अनेक हैं, सभी एक दुसरे को इस्तेमाल की चीज़ समझते हैं । ऐसे मे कौन अपना है, कौन पराया कहना कठिन । कितने भी काले सफेद में बदल दिये जाएँ मगर अन्त मे गालियाँ ही मिलती है। खाने को यारों , किसी को रुपये दे दो। मगर बुद्धि नही। रजनीश रंजन सफेद रंग