ख्वाहिशों को पूरी करने की कौन सी उम्र सही होती है? आखिर ये बात कहाँ कही होती है, हर उम्र के - -हर पड़ाव में कुछ ख्वाहिशें जो अधूरी होती हैं, जो हमारे अंदर पूरी होने को रोती हैं हम हर पल उस दर्द को महसूस करते हैं, हर पल जीते हैं और हर पल अधूरे सपनो के बोझ तले दब मरते हैं, "फिर भी कहाँ कोशिश करते हैं" और अपने आखिरी पलों में "एक नही कई मौत मरते हैं" पर फिर भी कहाँ कोशिश करते हैं । ©chetna #khwab #aise# jo# adhure# reh gye #aisehi