#mothers_day लिखने को तो मैं पूरी किताब, शायरियां, कविताएं पक्तियां, लिख दूं,
पर" काया " मेरी इतनी औकात नहीं मैं उस मां को अपने शब्दो में बता सकूं,,
उसके स्नेह और प्यार को चंद लफ्जो में जता सकूं।।
वो कहती हैं, जब बता आज क्या खाया तूने, तब अहसास होता हैं कि मां का साया भी पाया हैं मैंने।।
उसके जीवन भर प्रेम ,त्याग का मेरा अनुमान व्यर्थ हो जायेगा,,
जो नापू मै पोर्वो पर उसका मेरे सारे काम करना, मेरा जीवन अनर्थ हो जायेगा।।
जब वो बोले तू आजा न मैं तेरे लिए कुछ खास बनाऊंगी,,
उस पर लिख कर 4 लफ्ज़ मैं #Poetry