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ऐ ख़ुदा तेरी तस्वीर के इक पहलू जैसे मेरे पिता-मैया।

 ऐ ख़ुदा तेरी तस्वीर के इक
पहलू जैसे मेरे पिता-मैया।
जब दुख दर्द मुझे होता तो,
छिप चुप रोती मेरी मैया।
अरे दुनिया तो निकालती हैं,
सब में कुछ न कुछ कमियां।
माँ में ममत्व का संसार बसा,
डाँटती पुचकारती मेरी मैया।
 ऐ ख़ुदा तेरी तस्वीर के इक
पहलू जैसे मेरे पिता-मैया।
जब दुख दर्द मुझे होता तो,
छिप चुप रोती मेरी मैया।
अरे दुनिया तो निकालती हैं,
सब में कुछ न कुछ कमियां।
माँ में ममत्व का संसार बसा,
डाँटती पुचकारती मेरी मैया।

ऐ ख़ुदा तेरी तस्वीर के इक पहलू जैसे मेरे पिता-मैया। जब दुख दर्द मुझे होता तो, छिप चुप रोती मेरी मैया। अरे दुनिया तो निकालती हैं, सब में कुछ न कुछ कमियां। माँ में ममत्व का संसार बसा, डाँटती पुचकारती मेरी मैया। #कविता #nojotophoto