ज़िंदा होकर भी मुझें ज़िंदगी नसीब नहीं हो रही , यु तो सब है पास मेरे बस ओ ही करीब नहीं हो रही ! और हर एक चीज मैंने उसके ख़ातिर लुटा दी अपनी ,, सो देखों मैं हो गया फ़कीर और ओ ग़रीब नहीं हो रही..!! ©आर्या बरेठ #flowers #फ़कीर