द्वारपाल जय और विजय ने वैकुंठ लोक जाते हुए सप्तर्षियों को द्वार पर रोका। तीन जन्मों तक पृथ्वी लोक में दैत्य बनकर रहने का ऋषियों ने उन्हें श्राप दिया। पहले जन्म में दोनों ने धरा पर कश्यप और दिति के पुत्रों के रूप में जन्म लिया। हिरण्यकश्यप और हिरण्याक्ष कहलाए पृथ्वी वासियों पर अत्याचार करने लगे। हिरण्याक्ष ने क्रोधित हो करके पृथ्वी को समुद्र की गहराई में ले जाकर छुपा दिया। वरुण नगरी पहुंचकर हिरण्याक्ष ने पाताल लोक में जाकर वरुण देव को ललकारा। वरुण देव ने हिरण्याक्ष से लड़ने में असमर्थता जताई और विष्णु को बलवान बताया। देवताओं ने ब्रह्मा जी और विष्णु जी से हिरण्याक्ष से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की। ब्रह्मा जी ने श्री विष्णु का ध्यान करते हुए नासिका से वराह नारायण को जन्म दिया। वराह अवतार धारण कर पृथ्वी को समुद्र से निकालने के लिए श्री हरि ने प्रस्थान किया। हिरण्याक्ष नारद जी से हरि का पता पूछ समुद्र में पृथ्वी रखने के स्थान पर पहुंच गया। भगवान वराह पृथ्वी ले जाते हुए दिखाई दिए हिरण्याक्ष ने युद्ध के लिए ललकारा। भगवान वराह और हिरण्याक्ष में बहुत लम्बे समय तक भयंकर महासंग्राम हुआ। श्री विष्णु ने अपने दांतो और जबड़ों से हिरण्याक्ष का पेट फाड़कर उसका अंत किया। पृथ्वी को पुनः स्थापित कर सारे जीव जंतुओं का उद्धार कर अपना उद्देश्य सफल किया। #9avatarofvishnu #varahavatar #krishna #yqbaba #yqdidi #yqquotes #myquote Topic: Varah Avatar Time limit till 10:00pm tonight... No word limit You have to maintain these hashtags Kindly keep the bell icon on to get recent updates...