असत्य, अनीति और व्यविचार दुःख का कारण बन जाता है। कितनी भक्ति करके फिर से वो प्रभू शरण नही पाता है। विजय दशहरा यही बताता इन सब से खूब दूर रहो, निज कुंठाओ के कारण ही जन्म मरण बन जाता है।। Happy dashhra🙏🙏 vijay dasmi