तुम ख्बाबो ख़यालो में रहते हो अब दुर से मुस्कुराकर कुछ कहते हो अब हमने चाहा था तुमको बेहताशा मगर भूल क्या हुई हमसे तुम बता दो अगर कितना तड़पा हूं पूछो मेरे दिल से अब एक दिन भी ना सो पाया हूं तब से अब _नामा दिल की बाते दिल ही जाने