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प्रकृति की गोद में पीकर जिनकी लाल शिखाएँ उगल रही स

प्रकृति की गोद में पीकर जिनकी लाल शिखाएँ
उगल रही सौ लपट दिशाएँ
जिनके सिंहनाद से सहमी
धरती रही अभी तक डोल
कलम आज उनकी जय बोल।

©Harishchndra #5Linespoetry
प्रकृति की गोद में पीकर जिनकी लाल शिखाएँ
उगल रही सौ लपट दिशाएँ
जिनके सिंहनाद से सहमी
धरती रही अभी तक डोल
कलम आज उनकी जय बोल।

©Harishchndra #5Linespoetry