जिम्मेदार ही मक्कार है तो क्या करे जनसमस्या पर लाचार है तो क्या करे? गलती अपनी चुना ही नेता अपराधी सांसद-विधायक तड़ीपार है तो क्या करे? मां बोल, नदियो को बेंच खाने वाले रेत घाटों पर ठेकेदार है तो क्या करे? माल कम्पनी का एक-एक बिकना है चोर ही #चौकीदार है तो क्या करे?? खुलेआम चलेंगे दो नम्बर के धंधे यहां हरामखोरो की सरकार है तो क्या करे? हर आदमी पार्टीवाद मे बटा हुवा है लोकतंत्र का बंटाधार है तो क्या करे? मंदिर-मस्जिद मे ही उलझा हुवा है देश आधी जनता बेकार है तो क्या करे? क्या उम्मीद करे वहां से इंसाफ की न्यायालय बने बाज़ार है तो क्या करे? अब नही लगता ड़र कोरोना का 'अश्क' भुखा घर-परिवार है तो क्या करे? #संजय_अश्क पुलपुट्टा बालाघाट 9753633830