एक ही शख़्स दिखेगा कि जिधर जाओगे भीड़ के बीच भी गुमसुम से नज़र आओगे अभी तन्हा हो तो लहज़े में अकड़ है ज़्यादा इश्क़ हो जाएगा तो तुम भी सुधर जाओगे --प्रशान्त मिश्रा "सुधर जाओगे"