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कभी बनारस आकर देखो। पान मगहिया खाकर देखो।। बाबा वि

कभी बनारस आकर देखो।
पान मगहिया खाकर देखो।।
बाबा विश्वनाथ की नगरी।
हर हर बम बम गाकर देखो।।
तन मन पुलकित हो जायेगा।
मां गंगा को पाकर देखो।।
काशी के कोतवाल, काल भैरव,
का दर्शन पाकर देखो।
संकट सारे दूर करें, जो,
संकट मोचन जाकर देखो।।
दुर्गा कुण्ड की मां दुर्गा का,
स्नेहिल दर्शन पाकर देखो।।
यह काशी शिव की नगरी है।
तिलक त्रिपुण्ड लगाकर देखो।।
घट घट के वासी शिवशंकर।
उनको शीश झुकाकर देखो।।
गली गली हर हाट बाट
का थोड़ा लुत्फ उठाकर देखो। कभी बनारस आकर देखो...
    अरुण त्रिपाठी

©Arun Tripathi #ikraar
कभी बनारस आकर देखो।
पान मगहिया खाकर देखो।।
बाबा विश्वनाथ की नगरी।
हर हर बम बम गाकर देखो।।
तन मन पुलकित हो जायेगा।
मां गंगा को पाकर देखो।।
काशी के कोतवाल, काल भैरव,
का दर्शन पाकर देखो।
संकट सारे दूर करें, जो,
संकट मोचन जाकर देखो।।
दुर्गा कुण्ड की मां दुर्गा का,
स्नेहिल दर्शन पाकर देखो।।
यह काशी शिव की नगरी है।
तिलक त्रिपुण्ड लगाकर देखो।।
घट घट के वासी शिवशंकर।
उनको शीश झुकाकर देखो।।
गली गली हर हाट बाट
का थोड़ा लुत्फ उठाकर देखो। कभी बनारस आकर देखो...
    अरुण त्रिपाठी

©Arun Tripathi #ikraar