तुम मुझे छोड़कर जो जा रहे हो । गलती क्या है, क्यों नही बता रहे हो।। मान नही रही बात को तुम,क्यो जरा भी। दिल आखिर तोड़ कर क्यों जा रहे हो ।। याद नही करती,बात भी नही कर रही तु। क्यो सनम़ मोहब्बत़ मे,ऐसे तड़पा रहे हो।। कभी बोलते थे किस्मत़ में हो तुम ही मेरे। फिर सिद्दीकी को तुम जिन्दगी से हटा रहे हो।। तुम मुझे छोड़कर जो जा रहे हो। गलती क्या है, क्यो नही बता रहे हो।। कवि/शायऱ सुफियान"सिद्दीकी" अररिया बिहार। तुम मुझे छोड़ कर जो जा रहे हो।