रोजमर्रा के जीवन को तरोताजा रखने के लिए भी बदलाव जरूरी है। एक मन ही तो है उसको बहलाना जरूरी है। बाकी तो सारे आते जाते हैं। कार्यांतर ही विश्राम है।