White मैं यानी मैं जीवित रहता मैं एक अहंकार मेरे मैं होने का अहंकार जिसका जीवन भी बस मेरे जीवित होने तक है क्या मेरे होने का मैं तब भी रहेगा जब ....... मृत्यु की वेदी मुझे खुद में रख लेगी नहीं तब छूटेगा मैं जब देखूंगा ! विक्षिप्त पत्नी, भाई, बहन, माँ को हाँ सबको बस पिता को नहीं क्योंकि वो बहुत पहले लुप्त हो चुका जब वो पति और पिता बना और जो बहुत दुखी है इस मैं के जाने से वो एक नया जीवन शुरू करेंगे मुझे कोसते हुए की मैं भी पिता की तरह उन्हें छोड़ कर गया बिना अपना कर्तव्य निर्वाह किये ढेर से धन छोड़े बिना, व्यापार करए बिना एक लंबा दहेज़ छोड़े बिना, तीर्थ कराए बिना उस क्षण सच जलेगा मैं जो मैं मुझमें है मैं ! ©सफ़ीर 'रे' #Thinking #madaari #safeerray