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इक बीज मैंने बोया था, फूल वो संजोया था, नीर चक्षुओ

इक बीज मैंने बोया था,
फूल वो संजोया था,
नीर चक्षुओं से रुक ना पाए,
बाहों में मेरी जब वो रोया था ।

  इक बीज मैंने बोया था ,
फूल वो संजोया था ,
नीर चक्षुओं से रुक ना पाए,
बाहों में मेरी जब वो रोया था  ।

मेरे जीवन की तासीर बदली,
नन्ही हथेलियों ने तकदीर बदली,
वो आया इक फरिश्ता सा,
इक बीज मैंने बोया था,
फूल वो संजोया था,
नीर चक्षुओं से रुक ना पाए,
बाहों में मेरी जब वो रोया था ।

  इक बीज मैंने बोया था ,
फूल वो संजोया था ,
नीर चक्षुओं से रुक ना पाए,
बाहों में मेरी जब वो रोया था  ।

मेरे जीवन की तासीर बदली,
नन्ही हथेलियों ने तकदीर बदली,
वो आया इक फरिश्ता सा,