एक व्यक्ति अपने मन के प्रयासों से ऊपर उठ सकता है; वह खुद को गिरा भी सकता है। मन बद्धजीव का मित्र है, और उसका शत्रु भी। कृष्ण हमें याद दिलाते हैं कि हमारी मानसिकता हमारे अनुभवों को आकार देती है। Sahi Baat Hai ©Kumar Bk Sahi Baat Hai