एक बंद आंखों में मैंने ख्वाब देखा अपने सपने को साकार होता देखा मंजिलें अभी बहुत दूर थी फिर भी अपनी रास्ते को आसान होते देखा कुछ ख्वाहिशें अपनी मुट्ठी में पकड़ कर रखा था उसे खुले आसमान में बिखेर कर देखा एक गांठ बांधकर रखा था खुशियों का उसे अपनी मां की नजरों में खोलकर देखा जब मैं अपनी मेहनत के मुकाम को पाया तब अपने दुश्मनों को सलाम करते देखा जो एक आम आदमी खुले आसमान में सोकर मुझे इतना काबिल बनाया ऐसे महान पिता को आज मैं दुनिया की सबसे महंगी कार में शहर के चक्कर काटते देखा।। @saurabh anand. ©Saurabh Anand #Poetkiawaaz.in #Msjaan #pusty #Music