कोई कुछ भी कहें... होलिका दहन, पाप का पतन, सच्चाई की जीत, ये तो है बस विश्वास की रीत.. कोई कहें तो सिर्फ जलती हुई लकड़ियां, मगर मानो तो हमारी परंपरा की सीख..! ©Sandeep Kothar कोई कुछ भी कहें... होलिका दहन, पाप का पतन, सच्चाई की जीत, ये तो है बस विश्वास की रीत.. कोई कहें तो सिर्फ जलती हुई लकड़ियां,