कभी-कभी अचानक से बहुत रोने का मन होता है पता नहीं क्यों पर सारी उदासियाँ एक साथ याद आने लगती हैं इतना कि सालों पहले चुभा हुआ काँटा भी याद आने लगता है नहीं जानती कि यह कौन सी अवस्था है विज्ञान की भाषा में इसे क्या कहा करते हैं पर तब भावनाओं के भँवर में डूबते हुए को सहानुभूति के तिनकों का सहारा चाहिए होता है और आज सबसे व्यस्ततम समय में कौन किसका सहारा बनना चाहेगा तब आँसुओं के रूप में निकल कर हमें गले लगाती है कविताएँ! #अनाम_कविताएँ