Nojoto: Largest Storytelling Platform

कभी तो #अंधेरा..उजाले को‌ #निगल लेता है , #कभी ये

कभी तो #अंधेरा..उजाले को‌ #निगल लेता है ,
#कभी ये #उजाला..अंधेरे को खा ही जाता है ।
चल रहे हैं यहां सभी..अपने-अपने #दांव-पेंच , 
#वक्त जैसे-जैसे...जिस किसी का आता जाता है ।

©Anu...Writes #titliyan 
❤️ स्वरचित मौलिक पंक्तियां द्वारा अनुपमा ❤️
कभी तो #अंधेरा..उजाले को‌ #निगल लेता है ,
#कभी ये #उजाला..अंधेरे को खा ही जाता है ।
चल रहे हैं यहां सभी..अपने-अपने #दांव-पेंच , 
#वक्त जैसे-जैसे...जिस किसी का आता जाता है ।
कभी तो #अंधेरा..उजाले को‌ #निगल लेता है ,
#कभी ये #उजाला..अंधेरे को खा ही जाता है ।
चल रहे हैं यहां सभी..अपने-अपने #दांव-पेंच , 
#वक्त जैसे-जैसे...जिस किसी का आता जाता है ।

©Anu...Writes #titliyan 
❤️ स्वरचित मौलिक पंक्तियां द्वारा अनुपमा ❤️
कभी तो #अंधेरा..उजाले को‌ #निगल लेता है ,
#कभी ये #उजाला..अंधेरे को खा ही जाता है ।
चल रहे हैं यहां सभी..अपने-अपने #दांव-पेंच , 
#वक्त जैसे-जैसे...जिस किसी का आता जाता है ।

#titliyan ❤️ स्वरचित मौलिक पंक्तियां द्वारा अनुपमा ❤️ कभी तो #अंधेरा..उजाले को‌ #निगल लेता है , #कभी ये #उजाला..अंधेरे को खा ही जाता है । चल रहे हैं यहां सभी..अपने-अपने #दांव-पेंच , #वक्त जैसे-जैसे...जिस किसी का आता जाता है । #Quotes