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इतना भी आसान नहीं हैं, वीर शहीदों की शहादत को भूलन

इतना भी आसान नहीं हैं,
वीर शहीदों की शहादत को भूलना।
माँ को अपने लाल से ऐसे बिछड़ना,
बहन का भाई की कलाई को छोड़ना।
नन्ही सी जान से पिता का साया उठना,
दुल्हन की मागँ से सिंदूर उजड़ना।
इतना भी आसान नहीं हैं,
 वीर सैनिकों की कुबार्नी को भूल जाना।PiY@Poonamaggarwal
 किसी को याद करना हो
किसी को भूल जाना हो
किसी के पास आना हो
किसी से दूर जाना हो
किसी का दुख उठाना हो
किसी के काम आना हो 
आसान नहीं होता।
इतना भी आसान नहीं हैं,
वीर शहीदों की शहादत को भूलना।
माँ को अपने लाल से ऐसे बिछड़ना,
बहन का भाई की कलाई को छोड़ना।
नन्ही सी जान से पिता का साया उठना,
दुल्हन की मागँ से सिंदूर उजड़ना।
इतना भी आसान नहीं हैं,
 वीर सैनिकों की कुबार्नी को भूल जाना।PiY@Poonamaggarwal
 किसी को याद करना हो
किसी को भूल जाना हो
किसी के पास आना हो
किसी से दूर जाना हो
किसी का दुख उठाना हो
किसी के काम आना हो 
आसान नहीं होता।